ITI engineering drawing tools and instruments list in Hindi with pdf Download Free. Many iti drawing mcq question make from this chapter 1. In this pdf you see all tools name, definition, uses and important details with image. Helpful for 2021-22 Exam paper preparation.
ड्राइंग को ठीक व कम समय में बनाने के लिए निम्न उपकरणों व पदार्थो का प्रयोग किया जाता है :-
1. ड्राइंग बोर्ड : इस पर ड्राइंग पेपर/शीट या ट्रेसिंग पेपर रखकर ड्राइंग बनाई जाती है , इसे नर्म लकड़ी की सीधी, बिना गांठो वाली अच्छी तरह उपचारित फट्टियों को जोड़कर बनाया जाता है | यह लकड़ी इतनी नर्म होनी चाहिए की इसमें ड्राइंग पिन को आसानी से लगाया जा सके
2. T –Square: इसकी छोटी पट्टी को हैड या स्टॉक तथा लम्बीं पट्टी को ब्लेड कहा जाता है, स्टॉक के आंतरिक किनारें व ब्लेड के उपरी सीधे किनारों को वोर्किंग एज (Working Edge) कहते है | इसका प्रयोग ड्राइंग शीट पर हॉरिजॉन्टल Lines, सामानांतर लाइने खींचने तथा सेट स्क्वायर स्टेंसिल को सहारा देने के लिए किया जाता है | लकड़ी के अलावा इन्हें प्लास्टिक या सेलुलॉईड से भी बनाया जाता है | इनका साइज़ ब्लेड की लम्बाई से लिया जाता है
3. Set Square: सैट स्क्वायर पारदर्शी प्लास्टिक या सेलुलॉईड के बने समकोण त्रिभुज के आकार के उपकरण होते है | एक सैट में दो सैट स्क्वायर होते है
4. Protractor: यह सेल्युलोइड शीट का अर्ध वृताकार या वृताकार उपकरण है जिसका प्रयोग डिग्री में कोण मापने के लिए किया जाता है
5. ड्राइंग पेंसिल : पेपर या शीट पर ड्राइंग बनाने के लिए ड्राइंग पेंसिल का प्रयोग होता है | स्टैण्डर्ड पेंसिल के सिक्के को लकड़ी के खोल में डाला जाता है जबकि मेकैनिकल पेंसिल में केवल लैड का प्रयोग किया जाता है | पेंसिल का लेड ग्रेफाइट तथा काओलाइन को मिलाकर बनाया जाता है | ग्रेफाइट में काओलाइन की जितनी मात्रा अधिक होगी, पेंसिल उतनी ही हार्ड/कठोर हो जाएगी | पेन्सिल की हार्डनेस व softness के अनुसार उन्हें ग्रेड दिया जाता है | हार्ड ग्रेड की पेंसिलों को H से 9H तक ग्रेड दिया जाता है जिसमें 9H की पेन्सिल सबसे हार्ड ग्रेड की होती है | सॉफ्ट ग्रेड की पेंसिलों को B से 7B तक ग्रेड दिया जाता है जिसमे 7B ग्रेड की पेन्सिल सबसे सॉफ्ट ग्रेड की पेन्सिल होती है | पेन्सिल के ग्रेड का चुनाव लाइन वर्क तथा प्रयोग किये जाने वाले ड्राइंग पेपर पर निर्भर करता है सॉफ्ट ग्रेड के पेंसिलों का प्रयोग गहरी व मोटी लाइनों को खीचने के लिए किया जाता है | परन्तु ये लाइन जल्दी मिट जाती है | हार्ड ग्रेड की पेंसिलों का प्रयोग हलकी व बारीक़ लाइने खींचने के लिए किया जाता है पेन्सिल का चुनाव मौसम पर भी निर्भर करता है | गर्मी के मौसम में तापमान के बढ़ने से पेन्सिल का सिक्का कुछ नर्म हो जाता है इस कारण इस मौसम में कुछ हार्ड ग्रेड की पेन्सिल का प्रयोग किया जाता है | इसके विपरीत वर्षा ऋतू में नमी के बढ़ने से पेंसिल के सिक्के हार्ड हो जाते है व ड्राइंग शीट नर्म हो जाती है | इसलिए इस मौसम में सॉफ्ट ग्रेड की पेन्सिल प्रयोग की जाती है | आमतौर पर H, HB व 2H ग्रेड की पेन्सिल अधिक प्रयोग में लाई जाती है
आजकल प्रचलित पेंसिल के स्थान पर मैकेनिकल पेंसिल का प्रयोग किया जाने लगा है | इनमे केवल पेंसिल लेड का प्रयोग किया जाता है जो 0.3, 0.5, 0.7 या 0.9 mm व्यास में व विभिन्न ग्रेड में उपलब्ध होते है | इनके लैड को शार्प नहीं करना पड़ता है तथा ये समान मोटाई की लाइने खींचते है | इनके प्रयोग से समय बचता है और अच्छा लाइन वर्क किया जाता है
6. सैंड पेपर (Sand Paper): ब्लेड या चाकू से पेंसिल के सिक्के की लकड़ी को छांटने के बाद सिक्के को तेज करने के लिए सैंड पेपर का प्रयोग किया जाता है | आमतौर पर जीरो नंबर के सेंड पेपर को पेंसिल तेज करने के लिए प्रयोग करते है |
7. रबड़ या इरेज़र : फालतू या गलत लाइनों को मिटाने के लिए रबड़ का प्रयोग किया जाता है
8. Erasing Shield : इसका प्रयोग फालतू लाइनों को मिटाने के लिए किया जाता है | यह स्टील की पत्ती होती है जिस पर विभिन्न आक्रतियों के खांचे बने होते है
9. French Curve : इनका प्रयोग अव्यवस्थित लाइने बनाने के लिए किया जाता है | ये प्लास्टिक के बने होते है तथा 10 के सेट में उपलब्ध होते है |
10. ड्राफ्टिंग टेम्पलेट : विभिन्न आकार के वृत्त, आयत वर्ग आदि समबहुभुज बनाने के लिए इनका प्रयोग किया जाता है | ये आक्रतिया प्लास्टिक की शिट में कटी होती है |
11. Scale (पैमाना): इनका प्रयोग लाइनों को मापने के लिए किया जाता है| 150mm लम्बे स्केल की चौड़ाई 20mm तथा 300mm लम्बे स्केल की चौड़ाई 35mm होती है | ये लकड़ी, स्टील या प्लास्टिक के बनाये जाते है
12. Instrument Box: विभिन्न ड्राइंग उपकरणों को एक बॉक्स में रखा जाता है जिसे इंस्ट्रूमेंट बॉक्स कहते है | इंस्ट्रूमेंट बॉक्स में निम्न उपकरण होते है
(i) बड़ी कम्पास (Large Compass)
(ii) बड़ा डिवाइडर (Large Divider)
(iii) Bow Instruments
(iv) Drop Spring Bow Instruments
(vi) Screw driver
13. मिनी ड्राफ्टर या ड्राफ्टिंग मशीन : इस मशीन से पैमाने, प्रोट्रेक्टर व टी स्क्वायर, सभी उपकरणों के काम किये जा सकते है, इसको ड्राइंग बोर्ड के बाएं तरफ टॉप में लगाया जाता है | बड़े आकार में मिनी ड्राफ्टर को ड्राफ्टिंग मशीन कहते है |
14. ड्राइंग शीट/पेपर : अच्छी ड्राइंग बनाने के लिए उत्तम क्वालिटी की ड्राइंग शीट का होना आवश्यक है जिस पर लाइन साफ व तीखी खिंची जा सके | सतह पर स्याही न फैले, जल्दी मैली न हो | ये दो तरह की होती है
(i) Hand Made paper: इस प्रकार के पेपर हाथ से बनाये जाते है | इनकी सतह समतल न होकर रफ होती है तथा रंग भी पीलापन लिए सफेद होता है | इसी कारण इनका प्रयोग ड्राइंग शीट की बजाय चार्ट के रूप में किया जाता है |
(ii) Mill made paper: ये पेपर मिल में मशीन पर बनते है जो शीट या रोल में मिलते है | ड्राइंग बनाने के कार्यों में मिल मेड पेपर का प्रयोग किया जाता है | इनकी सतह समतल होती है तथा रंग भी जल्दी ख़राब नहीं होता है |
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